रायपुर में लीज के लिए गए ट्रक को चोरी होना बताकर ट्रकों के हुलिया के साथ चेचिस नंबर बदलकर खपाने के मामले में नार्थ-ईस्ट के परिवहन विभाग की संलिप्तता होने की बात सामने आई है। साथ ही राज्य परिवहन विभाग द्वारा ट्रकों का बगैर भौतिक सत्यापन के दूसरों के नाम ट्रांसफर करने की बात सामने आई है। फर्जीवाड़ा कर नाम ट्रांसफर करने के इस अनोखे मामले की जांच का दायरा नार्थ-ईस्ट से होते हुए उत्तरप्रदेश, बिहार, माहाराष्ट्र, ओडिशा तथा छत्तीसगढ़ से जुड़ गया है। पुलिस अफसर संबंधित राज्यों की पुलिस को पत्र लिखने की बात कह रहे हैं।
ट्रक फर्जीवाड़ा मामले में एएसपी सिटी तथा एसीसीयू के एएसपी अभिषेक माहेश्वरी ने हरिभूमि को ट्रक फर्जीवाड़ा के खेल में नार्थ-ईस्ट के परिवहन विभाग की भूमिका को संदिग्ध बताया है। एएसपी के मुताबिक फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह में शामिल ट्रकों को लीज में कुछ समय चलाने के बाद ट्रक मालिक को ट्रक चोरी होने की बात कहकर थाना में एफआईआर कराने की सलाह देते थे। इसके साथ ही फर्जीवाड़ा करने वाला मास्टर माइंड नागेंद्र कुमार सिन्हा उस ट्रकों का अपने द्वारा पोषित आरटीओ एजेंट के माध्यम से चेचिस नंबर बदलवाकर नार्थ-ईस्ट के राज्यों के परिवहन विभाग के अफसरों के साथ मिलीभगत कर फर्जी दस्तावेज तैयार करवाता था।
बगैर भौतिक सत्यापन के नाम ट्रांसफर
पुलिस पूछताछ में फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों ने पुलिस को बताया है कि ट्रकों का नार्थ-ईस्ट के राज्यों के परिवहन विभाग से पासिंग नंबर लेने के बाद उन ट्रकों को छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में खपाने का काम करते थे। इसके बाद अपने एजेंट के माध्यम से उन ट्रकों का सीजी पासिंग या किसी दूसरे राज्यों को परिवहन विभाग से पासिंग नंबर लेने के साथ नाम ट्रांसफर करने आवेदन देते थे। परिवहन विभाग के सूत्रों के मुताबिक परिवहन विभाग के अफसरों ने ट्रकों का बगैर भौतिक सत्यापन किए नाम ट्रांसफर करने का काम किया है।
इन जिलों में 50 से ज्यादा ट्रक खपाए
फर्जीवाड़ा करने वालों से पूछताछ में पुलिस को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों ने राज्य के रायपुर, महासमुंद, दुर्ग तथा जगदलपुर में 40 से 50 ट्रक खपाने का काम किया है। फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह के शातिरों ने रायपुर को हब बनाकर दूसरे राज्यों में भी ट्रक बेचने का काम किया है।
फर्जी नामों से कराए ट्रांसफर
जब्त आरसी बुक की जांच करने पर पुलिस ने पाया कि ट्रकों को छद्म नामों से नाम ट्रांसफर किया गया है। इसकी पुष्टि आरसी बुक में दिए गए पते पर पुलिस जब पहुंची तब हुई। कई मामलों में ऐसा भी हुआ है कि ट्रक किसी दूसरे राज्य में चल रहा है और उस ट्रक का छत्तीसगढ़ सहित दूसरे राज्यों में किसी दूसरे के नाम पर ट्रांसफर हो गया है।
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